झाडूराम देवांगन

जन्मः- पंडवानी के गुरु श्री झाडूराम देवांगन का जन्म सन् 1927 में भिलाई के बासिन नामक गाँव में हुआ ।
बचपन से ही गाँव में माता सेवा, जवारा, फाग आदि में आप हिस्सा लेते रहे हैं । 9 वर्ष की उम्र में ही आपके माता-पाता की मृत्यु हो गई जिसके पश्चात् कुछ कमय तक आपने कपडा बुनाई का काम सीखा । आपने सब्बल सिंह चौहान के छत्तीसगढी महाभारत को पढकर मनन करना आरंभ किया ।
जीवन यात्राः-12 वर्ष की उम्र से आपने पंडवानी गायन आरंभ किया । सन् 1964 में भोपाल आकाशवाणी से आपका पंडवानी गायन प्रसारित किया गया । आपने सन् 1974-75 में दिल्ली के "अशोका हॉटल" में 7 दिनों तक पंडवानी गायन का कार्यक्रम प्रस्तुत किया ।आपने पूनाराम निषाद और रेवाराम साहू के साथ मिलकर सन् 1975 से 85 के बीच इंगलैंड, अमेरिका, फ्रांस अदि देशों में महाभारत की कथा को अपनी विशिष्ट शैली में प्रस्तुत कर समग्र विश्व में इस छत्तीसगढी लोकगाथा को विख्यात किया । सन् 1981-82 में लंदन, इटली, फ्रांस, जर्मनी आदि जगहों पर आपने कार्यक्रम प्रस्तुत किया । इसके अलावा प्रधानमंत्री निवास में श्रीमती गांधी के समक्ष पंडवानी प्रस्तुत किया तथा भोपाल के "रवींद्र भवन"में आदिवासी लोककला की ओर से कार्यक्रम प्रस्तुत किया । आपके पुत्र कुंज बिहारी आप ही के साथ बेंजो में संगत करते हैं ।
आपने पंडवानी को विशेष आत्मियता व निजता प्रदान की है । वर्तमान में आपके शिष्यों में पूनाराम निषाद, चेतना राम और प्रभा यादव पंडवानी की साधना में लगे हुए हैं ।