सुश्री वासंती वैष्णव

जन्मः- कत्थक नृत्यांगना सुश्री वासंती वैष्णव का जन्म 9 दिसम्बर सन् 1968 में हुआ ।

पिताः- आपके पिता पं. फिरतू दास वैष्णव (फिरतू महाराज) प्रसिद्ध नृत्याचार्य थे ।

शिक्षाः- आपने बी.ए. तक की शिक्षा ग्रहण की है ।

संगीत में योग्यताः- आपने प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से बी.म्यूज.(कत्थक नृत्य) प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की ।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से कोविद(एस.ए.) की परीक्षा तथा प्रवीण्य सूची में प्रथम एवं गोल्ड मेडल प्राप्त किया ।प्रयाग संगीत समिति से आपने तबला में सीनियर डिप्लोमा किया । इसके अलावा गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत कत्थक नृत्य की शिक्षा ग्रहण की । आपने रायगढ दरबार के प्रसिद्ध नृत्याचार्य एवं पिता स्व. पं. फिरतू महाराज के सानिध्य में 25 वर्ष तक कत्थक नृत्य की विधिवत शिक्षा ग्रहण की । वर्तमान में आप कत्थक नृत्य की शिक्षा अपने अग्रज पं. सुनील वैष्णव एवं पं. राममूर्ति वैष्णव के सानिध्य प्रदान कर रही हैं ।

कला एवं घराना परिचयः- कत्थक नृत्य के सूक्ष्म कलात्मक पक्षों को उभारना एवं जीवंतता प्रदान करना एवं रायगढ शैली की कठिन से कठिन बंदिशों को सहजता से प्रस्तुत करना ही आपका प्रमुख ध्येय है । साथ ही तांडव नृत्य, लास्य, अभिनय एवं लयकारीयों पर भी आपका समानाधिकार है ।

नृत्य की प्रस्तुतिः- म.प्र. कला परिषद् एवं उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत अकादमी द्वारा आयोजित चक्रधर समारोह, रायगढ । संगीत महोत्सव सतना (म.प्र.)। संगीत महोत्सव "घुंघरु", भिलाई एवं भोपाल। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, नागपुर द्वारा आयेजित शोलापुर एवं नागपुर महोत्सव । संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली एवं केरल सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित "नृत्य महोत्सव", त्रिवेन्द्रम । कत्थक केन्द्र, दिल्ली द्वारा आयेजित शरद चंद्रिका उत्सव । संगीत नाटक अकादमि द्वारा आयोजित कत्थक समारोह लखनउ(उ.प्र.)। इत्तर मध्य क्षेत्र एवं सांस्कृतिक जोन, इलाहाबाद द्वारा आयोजित "वर्षा मंगल उत्सव", ग्वालियर। पथक चट्टी रामलीला समिति, इलाहाबाद "आया सावन मास उत्सव",बनारस । राष्ट्रिय पर्यटन विभाग एवं कर्नाटक सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयेजित "नृत्य संगीत उत्सव" "पट्टाडकल" बीजापुर, कर्नाटक ।

1998 में म.प्र. कला परिषद् एवं इंडीयन इन्टर्नेशनल यूथ कल्चरल सेंटर, नई दील्ली द्वारा चीन के प्रमुख महानगरों- बीजिंग, जियांग, गन्जउ, चेन्गउ में नृत्य की सफलतम प्रस्तुति के अलावा थाईलैंड की संगीत यात्रा। इनके अलावा राजभवन, भारत भवन, विधान सभा भवन भोपाल, मल्हार महोत्सव, अरपा महोत्सव, छत्तीसगढ लोकोत्सव बिलासपुर,भोरमदेव महोत्सव कवर्धा, केशव संगीत समारोह ओवं ओरक्षा महोत्सव टीकमगढ के अलावा देश के प्रमुख महानगरों, संगीत समारोह, तुलसी पंचशती समारोह बिलासपुर, युवा चिंतन शिविर पचमढी, माउंटआबू , जगदलपुर, कोतमा सन् 2003 राज्योत्सव और 26 जनवरी 2004 में गणतंत्र दिवस में ऋतु के उपर प्रदर्शन आदि एवं छ.ग. शासन द्वारा आयोजित प्रमुख समारोह में आपने अपनी कला का प्रदर्शन किया ।
उप्लब्धियाँ व सम्मानः- मानव संसाधन विकास मंत्रालय(नेहरु युवा केन्द्र), रायगढ द्वारा नेहरु अवार्ड । 1995 का राष्ट्रीय राय प्रवीण अवार्ड । भोपाल में आयोजित प्रथम युवा महोत्सव में प्रदेश में प्रथम तथा देश में द्विताय स्थान । 1994 में संगीत एवं नृत्य पर आधारित लघु फिल्म "अनुकम्पा" जिसमें आपकी भूमिका प्रमुख रही है, को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव कलकत्ता, फ्रांस, बंग्लादेश में प्रदर्शित किया गया था, जिसे 1994 राष्ट्रीय फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके अलावा लायंस क्लब, रोटरी क्लब, जेसीस क्लब, म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ, मल्हार महोत्सव के साथ ही देश के प्रमुख प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कार एवं सम्मान ।
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी, भूतपूर्व मानव संसाधन मंत्री श्री अर्जुन सिंह उ.प्र. के पूर्व महामहिम राज्यपाल श्री मोतिलाल जी वोरा, म.प्र. के तात्कालिक महामहिम राज्यपाल श्री चाण्डी एवं श्रीमती सरला ग्रेवाल, मुख्यमंत्री श्री दिग्वीजय सिंह एवं मुख्यमंत्री श्री सुंदर लाल पटवा के समक्ष भी अपनी कला का सपल प्रदर्शन कर प्रशंसा एवं पुरस्कार प्राप्त ।

वर्तमन में सुश्री वैष्णव संगीत महाविद्यालय, रायगढ एवं कला विकास केन्द्र, बिलासपुर में अपने अग्रज पं. सुनील वैष्णव एवं पं. राममूर्ति वैष्णव के साथ नृत्य की शिक्षा प्रदान कर रही हैं ।