पद्मभूषण श्रीमती तीजन बाई

जन्मः-तीजन बाई का जन्म सन् 1956 में दुर्ग जिले के अटारी ग्राम में हुआ । आप वेदमंती लब्ध पंडवानी गायीका हैं ।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पंडवानी को ख्याती दिलाने का श्रेय आपको जाता है ।
जीवन यात्राः-आपने पंडवानी गायन कीशुरुवात सन् 1973 से की, आगे बढते हुए आपने इस क्षेत्र में अनेक बुलंदीयों को छुआ है यही वजह है कि, आज आप पंडवानी की पर्याय मानी जाती हैं । आपको रावन झीवन वाले तथा पंडवानी के गुरु श्री झाडूराम देवांगन से सिखने का मौका मिला । सन् 1986 में फ्रंस में आयोजित "भारत महोत्सव" में अपनी विशिष्ट प्रतिभा के प्रदर्शन के बाद ऐसा एक भी वर्ष नहीं गया है जब दो तीन राष्ट्रों में पंडवानी प्रस्तुती के लिए आदरपूर्वक आपको आमंत्रित न किया जाता हो । आप हर वर्ष न केवल भारत भर में बल्कि विदेशों में भी घूम-घूम कर कार्यक्रम दे रही हैं ।

आपका विवाह आपने ही दल के हारमोनियम वादक श्री तुलसी राम देशमुख से हुआ, तथा आपके तीन पुत्र हैं । पंडवानी गायन के द्वारा देश-विदेश में छत्तीसगढ को प्रसिद्धि दिलाने में आपका महत्वपूर्ण योगदान है । आपने विदेश में भारत महोत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व किया है , तथा अब तक भारत के बडे शहरों के साथ फ्रांस, मारीशस, बंग्लादेश, स्विटज़रलैंड, जर्मनी, तुर्की, माल्टा, साइप्रस आदि देशों में आपने आपने कार्यक्रम की प्रस्तुति दी है ।

सम्मानः-सन् 1988 में भारत सरकार द्वारा आपको "पद्मश्री"से सम्मानित किया गया है । सन् 1996 में आपको संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार तथा म.प्र. सरकार द्वारा देवी अहिल्या बाई पुरस्कार प्रदान किया गया । 26 जनवरी 2003 को आपको पद्मभूषण से सम्मानित किया गया ।

आपने नृत्य अभिनय और लोकतत्व के बहुरंगी मिश्रण से पंडवानी को अत्यंत प्रभावशाली बनाया । वर्तमान में आप भिलाई इस्पात संयंत्र में सेवारत हैं ।

tdil.mit.gov.in से साभार